Tuesday, August 18, 2015

२. ग़ज़ल (सब सिस्टम का रोना रोते )


२. ग़ज़ल (सब सिस्टम का रोना रोते )

1 comment:

  1. मदन जी नया ब्लाँग शुरू करने के लिए ......बधाई
    सुन्दर शब्द रचना.........आभार
    http://savanxxx.blogspot.in

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